Lateral Entry Courses – Board Of Technical Education, Uttar Pradesh

Polytechnic Lateral Entry -:

सबसे पहले आपको यह पता होना अतिआवश्यक है; कि पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स में लेटरल एंट्री क्या होती है। 
  • ∵पॉलिटेक्निक एंट्रेंस एग्जामिनेशन का फॉर्म फॉर्म भरने के लिए एलिजिबिल्टी क्लास 10th होती है। 
  • तो अगर आप पॉलिटेक्निक में एडमिशन क्लास 10th के बाद लेते है; तो आपको लेटरल का फॉर्म नहीं भरना होता है ; इसके लिए पॉलिटेक्निक में ग्रुप(A) का प्रवेश परीक्षा का फॉर्म होता है उसको अप्लाई करके  एंट्रेंस एग्जाम की परीक्षा देना होता है। 
  • ग्रुप (A) में पॉलिटेक्निक कोर्स 3 Year का होता है; जबकि lateral एंट्री में 2 Year का कोर्स होता है। 
  • लेकिन Lateral एंट्री में आपको 1 ईयर के कुछ सब्जेक्ट के पेपर देने होते है तो आज हम उन्ही सब्जेक्ट के बारे में बात करने वाले है जिनका आपको एग्जाम देना है ; और आपको यह भी बताएँगे की किस सेमेस्टर की परीक्षा कब देनी है। 

Polytechnic Lateral Entry का कोर्स कब करना चाहिए -:

  • लेटरल एंट्री का कोर्स आपको तभी करना चाहिए जब आप इंटरमीडिएट (क्लास-12) का अध्ययन कर चुके हो। होता क्या है की पॉलिटेक्निक के प्रथम वर्ष में इंटरमीडिएट का सिलेबस ही होता है जो आप पढ़ चुके होते है तो आपको lateral एंट्री में यही प्रथम ईयर की स्टडी नहीं कराई जाती है लेकिन आपको एग्जाम 1st ईयर के कुछ सब्जेक्ट के देने होते है। 
  • लेटरल एंट्री में आपका एडमिशन direct 2nd year में होता है और आपका पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स 2 year में कम्पलीट हो जाता है 

Lateral Entry Admission के फायदे व नुकसान :-

  • लेटरल एंट्री से एडमिशन लेने से आपको पॉलिटेक्निक डिप्लोमा की डिग्री 2 साल में मिल जायेगा। 
  • अगर आप इंटरमीडिएट कर चुके है तो आपको इंटरमीडिएट का कोर्स दोबारा नहीं पढ़ना पड़ेगा और आपका एडमिशन direct 2nd ईयर में हो जायेगा। 
  • पॉलिटेक्निक लेटरल एंट्री करने का सबसे बड़ा नुकसान ये है की आपको 1st year के पेपर को खुद से पढ़ कर पेपर देना होगा साथ ही 2nd ईयर का भी पेपर साथ में होगा ; इसके लिए आपको तैयारी के लिए अधिक समय देना होगा वरना आपका बैक भी आ सकता है 
  • 1st ईयर में कुछ सब्जेक्ट ऐसे भी है जो क्लास-12 में नहीं है उनको भी आपको खुद से पढ़ना होगा।

हाईस्कूल करके पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले या इंटरमीडिएट करके?


  • आपको अपने (नॉलेज) के अनुसार आपको अपना कोर्स को सेलेक्ट करना चाहिए। 
  • अगर आप इंटर करके एडमिशन लेते है पॉलिटेक्निक में तो ज्यादा अच्छा होगा क्योकि पॉलिटेक्निक में इंटर की सारा सिलेबस नहीं होता है जिससे समझने में प्रॉब्लम होता कुछ टॉपिक को 
  • आप इंटर करके एडमिशन ले पॉलिटेक्निक में ग्रुप (A) से 3 ईयर का साथ ही बी.ए. /बी.एस.सी.भी कर ले साथ में। 

Lateral Entry में कौन-कौन से पेपर देने होते है :-

  • ∵ पॉलिटेक्निक में सेमेस्टर वाइज परीक्षा होती है। 
  • 1 साल में 2 सेमेस्टर होता है। 
  • तो Lateral Entry में direct 2nd Year ,3rd सेमेस्टर में एडमिशन होता है तो आपको अब 1st सेमेस्टर और 2nd सेमेस्टर की परीक्षा extra देना होता है 
  • नोट -: आपको 1st सेमेस्टर की परीक्षा 3rd सेमेस्टर में देना होता हैं। 
  • 2nd सेमेस्टर की परीक्षा आपको 4th सेमेस्टर में देना है। 

Lateral Entry में इतने सब्जेक्ट की परीक्षा आपको देना होता है –

  • लेटरल एंट्री की परीक्षा ब्रांच के according होती है जैसे – इलेक्ट्रिकल ब्रांच की अलग परीक्षा ,  सिविल ब्रांच की अलग परीक्षा 
  • तो आपको अपने ब्रांच का नाम कमेंट करना है 
  • अब आपको यह पता चल गया होगा की लेटरल एंट्री क्या होती है और इसे कब करना चाहिए ; इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है 
अगर अब भी कुछ समझ न आया हो कमेंट करें। 
या 
इंस्टाग्राम पर msg करें। 
id – @failuedeep 
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  1. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग लेटरल एंट्री सिलेबस 2020 


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