Classification of energy sources in hindi -:

Classification of energy sources in hindi

classification of energy sources in hindi

 उर्जा का मानव के विकास में बहुत बड़ा योगदान है इस समय वर्तमान ऊर्जा का प्रमुख भार खनिज ऊर्जा स्रोतों द्वारा उठाया जा रहा है इसके अलावा उर्जा के कई स्रोत हैं ऊर्जा स्रोतों को कई आधार से वर्गीकृत किया जा सकता है।

 ऊर्जा को इन दो भागों में बांटा जा सकता है।

  1.  प्राथमिक ऊर्जा
  2.  द्वितीयक ऊर्जा 

Primary Energy ( प्राथमिक ऊर्जा )

 वह सभी ऊर्जा जो प्राकृतिक रूप से मौजूद है तथा इसे मानव द्वारा संशोधित न किया गया हो प्राथमिक ऊर्जा कहलाता है। जैसे पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा, जीवाश्म ईंधन आदि।

 इसको इस प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं ” प्रकृति में पाई जाने वाली ऊर्जा प्राथमिक ऊर्जा का लाती है “

 प्राथमिक ऊर्जा स्रोत को ज्यादातर द्वितीयक ऊर्जा स्रोत में परिवर्तित किया जाता है तथा इनका उपयोग औद्योगिक कार्यों में होता है। जैसे कोयला तेल गैस भाप आदि प्राथमिक ऊर्जा हैं सभी को विद्युत में बदला जा सकता है लेकिन जहां जरूरत होती है प्राथमिक ऊर्जा को सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है। ऊर्जा स्रोत है स्रोत हैं जो प्रकृति में पहले से पाया जाता हैं।

Secondary Energy ( द्वितीयक ऊर्जा स्रोत )

 ऊर्जा के वे स्रोत जिनको प्राथमिक स्रोत से बदला जाता है द्वितीयक  ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं।

 प्राथमिक ऊर्जा स्रोत को उपयोग के आधार पर द्वितीयक उर्जा स्रोत में बदल दिया जाता है। जैसे पेट्रोल डीजल या भाप से विद्युत प्राप्त करना।

 प्रयोगों के आधार पर ऊर्जा को निम्न में वर्गीकृत किया जा सकता है

  1. Commercial Energy
  2. Non Commercial Energy

Commercial Energy (वाणिज्यिक ऊर्जा)

 वाणिज्यिक ऊर्जा व ऊर्जा है जो उपयोगकर्ताओं को कुछ कीमत पर उपलब्ध होता है जैसे कोयला पेट्रोल विद्युत आदि। वाणिज्यिक का अर्थ है जो मार्केट में उपलब्ध हो एक निश्चित दाम पर। इसका उपयोग कंपनी व फार्म में कमर्शियल उद्देश्य के लिए किया जाता है। यह ऊर्जा हमारे उद्योग कृषि व यातायात का प्रमुख आधार  है।

Non commercial Energy ( अवाणिज्यिक ऊर्जा )

 ऊर्जा है जो उपयोगकर्ताओं को बिना किसी कीमत पर उपलब्ध होती है। जैसे जलाने वाली लकड़ी, कृषि का वेस्ट, गोबर के उपले आदि ईधन शामिल है । इन ऊर्जा स्रोत को पारंपरिक रूप से एकत्रित किया जाता है न कि बाजारों से खरीदा जाता है। भारत में इसका प्रयोग अधिक होता है इसका उपयोग घरेलू के लिए होता है। इन्हे पारंपरिक रूप  से ईंधन भी कहा जाता है यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है अर्थात यह पुनः विकसित हो सकते हैं।

 प्राप्ति के अनुसार ऊर्जा के स्रोत को दो भागों में बांटा गया है

  1. Conventional Energy Source
  1. Non Conventional Energy Source

Conventional Energy Source ( परंपरागत स्रोत)

 इसे पारंपरिक  ऊर्जा स्रोत भी कहते हैं। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत है स्रोत है जो लंबे समय से प्रयोग में हैं तथा प्रकृति में तय तथा सीमित मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

उदारहण – कोयला पेट्रोल डीजल कच्चा तेल आदि।

 ऊर्जा के विभिन्न स्रोत जो कुछ समय बाद नष्ट हो जाएंगे या जिन्हें हम बार-बार प्राप्त नहीं कर सकते हैं ऊर्जा के परंपरागत स्रोत कहलाते हैं।

Conventional sources of energy in Hindi

 पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत निम्न है।

  1.  जीवाश्म ईंधन ( fossil fuels)
  2.  पवन ऊर्जा ( wind energy)
  3.  उष्मीय  शक्ति ऊर्जा ( thermal power plant) 
  4.  बायोमास (Biomass)
  5.  जल विद्युत ऊर्जा (Hydro power plant)

Non Conventional energy source in hindi

 गैर परंपरागत स्रोत वे स्रोत है जो हाल ही में प्रयोग में आए इनकी मात्रा पृथ्वी पर असीमित है जैसे सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा, ज्वार ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा आदि। ऊर्जा के ये स्रोत पर्यावरण प्रदूषण का कारण नहीं बनते हैं। ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत निम्न है।

  1. सौर ऊर्जा
  2. पवन ऊर्जा
  3. जवारीय  ऊर्जा
  4. जल विद्युत ऊर्जा
  5.  भूतापीय  ऊर्जा

 इनका प्रयोग अधिकतर बिजली के उत्पादन के लिए होता है।

Important of Non Conventional Energy Source hindi

गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के अंतर्गत पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा भूतापीय ऊर्जा बायोगैस ज्वारीय ऊर्जा तरंग ऊर्जा और बायोमास ऊर्जा को शामिल किया जाता है यह कभी न समाप्त होने वाली ऊर्जा है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत सीमित मात्रा में है और जल्द ही खत्म हो जाएंगे उनके कारण प्रदूषण भी बढ़ रहा है। गैर पारंपरिक स्रोत साफ़ ईंधन है यानी यह प्रदूषण नहीं करते हैं तथा यह कभी खत्म भी नहीं होंगे अब भी हम अपनी ऊर्जा की आवश्यकताओं के लिए पारंपरिक स्रोतों पर ही भारी रूप से निर्भर हैं तथा गैर पारंपरिक स्रोतों का पूरी तरह लाभ उठाने में अभी हमें बहुत समय लगेगा।

गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत की विशेषताएं निम्न है

  1.  यह पृथ्वी पर असीमित मात्रा में है।
  2.  पारंपरिक स्रोतों की तुलना में यह सत्य संसाधन है।
  3.  इनका प्रयोग अधिकतर बिजली के उत्पादन के लिए किया जाता है।
  4.  यह स्रोत कभी लुफ्त नहीं होंगे थोड़ा सा ध्यान रखा जा सके तो यह हमेशा हमें ऊर्जा प्रदान करते रहेंगे।
  5.  यह प्रदूषण हीन होते हैं इन्हें इको फ्रेंडली भी कहा जाता है।

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