Electric Shock – नमस्कार दोस्तो, आज के इस पोस्ट में हम बिल्कुल आसान शब्दो मे बताएंगे कि बिजली का झटका ( Electric Shock ) क्यों लगता है तथा बिजली का झटका (Electric Shock) लगने से इंसान की मौत क्यों हो जाती है ?

दोस्तो आपने देखा या सुना होगा कि बिजली का झटका (Electric Shock) लगने से इंसान की मौत हो जाती है पर क्‍या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्‍यों होता है अगर नहीं तो आइये जानते हैं बिजली का झटका (Electric Shock) लगने से इंसान की मौत क्‍यों हो जाती है?

Electric Shock
Electric Shock ( बिजली का झटका )

सबसे पहले समझते है की कर्रेंट क्या होता है?

करेंट इलेक्ट्रान का मूवमेंट होता है, और यह कुछ जरुरी सिद्धांत पर काम करता है जैसे जब सर्किट कम्पलीट होता है तो कर्रेंट बहता है, करंट हमेशा कम बाधा वाले रास्ते को चुनता है, एक उदाहरण से समझते है जैसे एक आदमी घास के बजाय फुटपाथ पर चलना पसंद करेगा, क्योंकि वह रास्ता आसान होगा। तो आपको समझ मे आ गया होगा कि करंट का मतलब इलेक्ट्रान का फ्लो होता है किसी भी इलेक्ट्रोनिक या इलेक्ट्रिक डिवाईस को चलाने के लिए इलेक्ट्रोन्स को उसके इलेक्ट्रिकल सिस्टम में फ्लो कराना पड़ता है।

मानव शरीर को करंट लगता कैसे है ? (Electric Shock)

दोस्तो आपने ओम का नियम पढा होगा, और ये फार्मूला भी आप जानते होंगें।

करंट(धारा) =वोल्टेज/प्रतिरोध

विद्युत धारा के रास्ते मे जो रुकावट पैदा करता है उसे ही प्रतिरोध कहते है। दोस्तो हमारे शरीर का भी कुछ प्रतिरोध होता है लेकिन यह फिक्स नही होता है शरीर का प्रतिरोध अलग भाग में अलग होता है।

अब एक उदाहरण से समझते है मान लीजिए कि आपका शरीर गिला है अब आपने 220 वोल्ट वाली सप्लाई के तार को छू दिया तो आपको झटका लगेगा।

अब इस स्थिति में मान लीजिए आपके शरीर का प्रतिरोध 1000 ओम है तो लगने वाले करंट की वैल्यू निकालते है ।

  करंट= 220/1000

  =0.22 एम्पियर

आपको 0.22एम्पियर का करंट लगेगा।

आसान शब्दो में

विद्युत झटका ( Electric Shock ) वोल्टेज से नही करंट से लगता है । और करंट तब फ्लो होता है जब वोल्टेज डिफरेंस हो। जिस प्रकार एक लैंप के दोनों सिरे पर फेस और न्यूट्रल सप्लाई देने पर सर्किट पूरा होता है और वह जलने लगता है, उसी प्रकार  बिजली के नंगे तारों को छूते है तो इलेक्ट्रान इंसान के शरीर से गुजरते हुए ज़मीन मे चले जाएंगे, और सर्किट कम्पलीट हो जाएगा जिससे हमें करंट लग जाता है।

करंट से मौत क्यों हो जाती है?

दोस्तो, बिजली का झटका लगने से हर केस में इंसान की मौत नही होती है कभी कभी केवल झटका भर लगता है इसके बाद सब सामान्य हो जाता है।

बिजली के झटके से मौत होना शरीर में प्रवाहित करंट की मात्रा पर निर्भर करता है।मनुष्य की मौत वोल्टेज से नही बल्कि करंट से होता है, और करंट मनुष्य के शरीर के प्रतिरोध पर निर्भर करता है। जब हम बिजली के संपर्क मे अधिक देर तक रहते है तब इंसान की मृत्यु हो जाती है , इंसान के शरीर मे 65 से 70% पानी होता है, जब किसी इंसान के शरीर को करंट लगता है तो यह पानी सूखने लगता है, और पानी सूखने से हमारा खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे यह शरीर के सारे अंगों तक नहीं पहुंच पाता है, इससे हमारा अंग काम करना बंद कर देता है और इंसान की मौत हो जाती है।

Note Points

  • करंट लगने से शरीर में तेजी से पानी की कमी होती है।
  • करेंट लगने से शरीर के भीरत खून का थक्का बन जाता है।
  • कई बार दिल पर अतरिक्त दबाव की वजह से हार्ट अटैक आ जाने से इंसान की मौत हो जाती है।

उम्मीद है  करंट लगने पर क्या होता है  तथा इंसान कि मौत क्यो हो जाती है।  ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।

पानी मे कर्रेंट क्यो आता है?

यदि आप पानी मे विद्युत प्रवाहित करते है तो पानी मे अवश्य करंट आएगा, क्योकि पानी विद्युत का अच्छा चालक होता है। अब पानी मे कर्रेंट कितनी दूर जाएगा,अथवा पानी मे करंट उत्पन्न होगा या नही ये पानी की मात्रा, शुद्धता और स्थिति पर निर्भर करता है। क्योंकि आपको पता होगा दोस्तो की अगर पानी 100% शुद्ध है अर्थात उनमे साल्ट  की मात्रा नही है और पानी अनायनित है तो उसमें से बिजली बिल्कुल भी आगे नहीं जाएगी, क्यूंकि विद्युत प्रवाह के लिए आयनों का होना जरूरी है। परन्तु प्राकृतिक रूप से शुद्ध जल मिलना असंभव है। हां इसे प्रयोगशला में बनाया जा सकता है।

अब ये प्रश्न आता है कि जो पानी हम पीते है क्या उसमे विद्युत प्रवाहित करने पर करंट आएगा

इसका जवाब है हा पीने के पानी मे करंट आएगा,क्योकि पानी जिसे हम पीते हैं या मिनरल वॉटर ही हो उसमें कुछ मात्रा में अनेक प्रकार के लवण और अशुद्धियां मिश्रित होती हैं इसलिए चाहे पानी कितना भी शुद्ध हो इसमें कुछ मात्रा में विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है।

करंट लगने के बाद क्या करना चाहिए ?

दोस्तो अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को बिजली का झटका लगे और आप उसे बचाने के लिए आगे बढ़े, उससे पहले ये चेक कर लें कि आपके आसपास पानी और लोहे की कोई चीज़ तो नहीं रखी है क्योंकि इन दोनों में से करंट बहुत जल्दी पास होता है।

इसके बाद आप तुरंत सूखी चप्पल पहनें और प्लास्टिक या सूखी लकड़ी की मदद से बिजली के उस स्विच को बंद कर दें, जिससे आपके साथी को झटका लग रहा हो। अपने साथी को बचाने के लिए उसे छुएं नहीं, वरना आप भी करंट की चपेट में आ जाएंगे इसलिए लकड़ी की मदद से उसे बिजली के सम्पर्क से अलग करें।

अपने साथी को बिजली के संपर्क से अलग करने के बाद, उसे रिकवरी पोजीशन में लिटा दीजिये। इस पोजीशन में व्यक्ति को करवट दिलाकर इस तरह लिटाएं कि उसका एक हाथ सिर के नीचे हो और दूसरा हाथ आगे की ओर सीधा हो। इसी तरह एक पैर सीधा हो और एक मुड़ा हुआ रहे। इस पोजीशन में रखने पर व्यक्ति को जल्दी होश आने लगेगा।

  • व्यक्ति को कम्बल या तौलिए से ना ढ़कें।
  • अब ये जांचें- कि व्यक्ति की सांसें कैसी चल रही हैं।

पक्षियों को बिजली के तार पर बैठने पर करंट क्यों नहीं लगता है?

कभी आपने सोचा है कि हम अगर बिजली के खुले तारों को हाथ लगा दे तो हमें एक जोरदार झटका लगता है और हम पूरी तरह से घायल हो जाते हैं लेकिन अगर एक चिड़िया या कोई पक्षी बिजली के तारों पर बैठा हो तो उसे करंट नहीं लगता है|

आखिर ऐसा क्यों होता है :-

दोस्तों हम जानते हैं की करंट एक तरह से इलेक्ट्रानों का आगे बढ़ना होता है जिसमें इलेक्ट्रान तार के सहारे आगे बढ़ते चले जाते हैं और इसी तरह से इलेक्ट्रान बिजली के तारो के द्वारा हमारे घरों में बिजली के रूप में पहुंचते हैं ,और सर्किट के द्वारा जमीन में चले जाते हैं इस तरह से एक सर्किट पूरा हो जाता है.

बिजली हमेशा दो सिद्धांतों पर कार्य करती है

पहला सिद्धांत :-

इलेक्ट्रान हमेशा आगे की ओर बढ़ते रहते हैं और इलेक्ट्रानों को फ्लो करने के लिए एक सर्किट का पूरा होना जरूरी है और अगर सर्किट पूरा नहीं होता है तो करंट नहीं लगता है

दूसरा सिद्धांत :-

इलेक्ट्रान हमेशा कम बाधाओं वाला रास्ता चुनते हैं अगर रास्ते में कोई बाधा हो तो इलेक्ट्रॉन धातु से होते हुए आगे बढ़ जाते हैं जैसे की हम जानते हैं धातु बिजली की बहुत अच्छी सुचालक होती है धातुओं से बिजली आसानी से एक जगह से दूसरी जगह चली जाती है|

इसी प्रकार धातु से बने तारों के द्वारा करंट एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच जाता है अगर कोई चिड़िया उस खुले तार पर बैठ जाए तो उसे करंट नहीं लगता है लेकिन जब उसी तार को अगर हम छू ले तो हमें जोरदार करंट लगता है|

इसका कारण यह है कि जब चिड़िया खुले तार पर बैठी है तो उसका संपर्क उस तारा के अलावा किसी और वस्तु से नहीं होता है जिस कारण इलेक्ट्रॉन अपना सर्किट पूरा नहीं कर पाते और वह बिना बाधाओं वाले रास्ते से होते हुए आगे बढ़ जाते है और चिड़िया को कोई करंट नहीं लगता है

इसी प्रकार अगर कोई मनुष्य भी खुले तार पर बैठ जाए तो उसे भी करंट नहीं लगेगा और बिजली के तारों पर बैठकर किसी वस्तु, पेड़ या बिजली के खंबे को छू लेता है तो उसे जोरदार करेंट लग जाएगा इसी प्रकार अगर कोई चिड़िया बिजली के खंबे पर बैठी हो और किसी तार को छू ले तो उसे भी जोरदार करंट लगेगा

इस प्रकार आप समझ गए होंगे की बिजली का करंट जब तक नहीं लगता जब तक कि सर्किट पूरा ना हो जाए और बिजली को अर्थिंग ना मिल जाए अगर बिजली को आर्थिंग मिल जाता है तो करंट लगेगा और अगर बिजली को अर्थिंग नहीं मिलता तो करंट नहीं लगेगा

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