नमस्कार दोस्तो आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि प्रदीपन (illumination) क्या है तथा प्रदीपन से सम्बंधित सभी परिभाषा को विस्तार से समझेंगे।

प्रदीपन क्या है( what is illumination? )
प्रदीपन एक ऐसी घटना है ,जब किसी पदार्थ को एक निश्चित तापमान से ऊपर गर्म किया जाता है तब वह पदार्थ प्रकाश के रूप में ऊर्जा का विकिरण करना शुरू कर देता है इस प्रकार से हम कह सकते है कि light energy ,Radient energy का एक रूप है।
दोस्तो आप लोगो को लगता होगा कि प्रकाश और प्रदीपन समान है लेकिन ऐसा नही है।
प्रकाश को हम दो प्रकार से प्राप्त कर सकते है
- Natural
- Artificial- यह man made होता है ,यह इलेक्ट्रिक भी हो सकता है और नॉन इलेक्ट्रिक भी।
दोस्तो अब बात करते है कि प्रकाश की प्रकृति कैसी होती है।
प्रकाश की प्रकृति(Nature of light)
प्रकाश एक प्रकार की विकिरण ऊर्जा है जिसका उपयोग वस्तुओं को देखने के लिए मनुष्य की आंखों के द्वारा किया जाता है।
जब एक वस्तु या पिंड के तापमान को बढ़ाया जाता है तो यह माध्यम के चारो तरफ radient energy विद्युत चुम्बकीय तरंग के रूप में विसरित करती है। कोई भी heated body ,electromagnetic रेडिएशन उत्सर्जित करता है। इन स्थिति में
- जब उसका तापमान 500℃ -800℃ होता है तब वह Red hot होता है। Red hot का मतलब वस्तु का तापमान कम होता है और विकिरण केवल उष्मा तरंग के रूप में होता है।
- जब उसका तापमान 2500℃-3000℃ होता है तो वह White hot होता है। white hot का मतलब तापमान अधिक होता है।
- कम तापमान पर उत्पन्न उष्मा तरंगों की लंबाई ,अधिक तापमान पर उतपन्न होने वाली तरंगों की तुलना में अधिक होती है।
प्रदीपन से सम्बंधित मुख्य परिभाषा इस प्रकार है
प्रदीपन फ्लक्स(illumination flux)-
किसी प्रकाश स्रोत से प्रति सेकंड उत्पन्न प्रकाश विकिरण की मात्रा को luminius फ्लक्स कहा जाता है। वे वस्तुएं जो स्वयं के प्रकाश से प्रकाशित हो उस वस्तु को luminous body कहा जाता है। किसी luminous body से प्रति सेकंड उत्पन्न होने वाली प्रकाश विकिरण की मात्रा ही light flux कहलाता है,इसे ज्योतिय फ्लक्स कहा जाता है।
आइये एक उदाहरण से समझते है।
मान लीजिये की एक incandescent lamp, luminous body के रूप में है। जब इसे सप्लाई दिया जाता है तो यह प्रकाश उत्पन्न करता है। लैंप को दिया गया total इलेक्ट्रिकल पावर इनपुट, luminous flux में नही convert होता है दिए गए इनपुट पॉवर(input power) का कुछ भाग conduction, convection,and radiation आदि के द्वारा loss हो जाता है बाकी बचा हुआ पावर light wave उत्पन्न करता है और इसकी तरंगदैर्घ्य 4,000-7,000 Å, के बीच मे होती है।
- इसका मात्रक लुमेन(Lumen) होता है।
- इसका प्रतीक Q होता है।
- Luminous फ्लक्स का प्रयोग ,एक लैंप द्वारा उत्सर्जित प्रकाश की मात्रा को specify करने करने के लिए किया जाता है।
- 1 Lumen= 0.0016 वाट
- 1 वाट= 625 lumen
दृश्य प्रकाश (Visible spectrum)
जब श्वेत प्रकाश की single ray को एक प्रिज्म पर डाला जाता है तो seven कलर प्राप्त होता है। सभी रंगों को फ्रीक्वेंसी और तरंग दैर्घ्य भिन्न भिन्न होता है। इस घटना को spectra तथा इन रंगों के पैटर्न को स्पेक्ट्रम कहा जाता है इन रंगों को हम अपनी आंखों से देख सकते है इसलिए इसे दृश्य प्रकाश तरंगे कहते है।दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 390nm से 780nm तक होता है।
● दृश्य प्रकाश की तरंग दैर्घ्य सीमा 4000 से 7000 एंगस्ट्राम होता है।
● Visible spectrum विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का वह भाग है जो मनुष्य की आंख को दिखाई देता है।
● 3800 या 4000 एंगस्ट्राम से छोटी तरंगे पराबैंगनी तरंगे कहलाती है।
● 7000 एंगस्ट्राम से अधिक की तरंगें अवरक्त तरंगे कहलाती है।
आँख की आपेक्षिक सवेंदनशीलता व तरंगदैर्घ्य के मध्य वक्र–
आपेक्षिक संवेदनशीलता का आशय यह है कि मानव नेत्र किस रेंज तक कि तरंगदैर्घ्य प्रकाश को देख सकता है। इनके बीच खींचा गया यह वक्र यह प्रदर्शित करता है कि तरंगदैर्घ्य बढ़ने पर सेंसटिविटी किस प्रकार व्यवहार करती है। नीचे दिए ग्राफ में हम देख सकते है सबसे अधिक संवेदनशील तरंग की तरंगदैर्घ्य 5500 एंगस्ट्राम है इस तरंगदैर्घ्य पर लगभग हरा रंग है।
