Introduction of Analog Electronic = Hello everyone. आज के इस पोस्ट में हम “Analog Electronics” के पहले chapter का Introduction परिचय तथा इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण questions तथा उनके answer को जानने वाले हैं, तो आइए शुरू करते हैं।

“कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं, जिनकी विद्युत चालकता सुचालक(Conductor) पदार्थ से कम लेकिन कुचालक(Insulator) पदार्थों से अधिक होती है, ऐसे पदार्थों को अर्धचालक (Semiconductor) पदार्थ कहते हैं ।“
Note/- Semiconductors में विद्युत का प्रवाह मुक्त इलेक्ट्रॉन {e–} तथा कोटर {holes/waiver} दोनों की चलने के कारण होता है।
अर्धचालक दो प्रकार के होते हैं:-
- निज अर्धचालक(Intrinsic Semiconductor)
- बाह्य अर्धचालक (Extrinsic Semiconductor)
Note/- “निज अर्धचालक शुद्ध अवस्था में होते हैं इसलिए इसका प्रयोग बहुत ही कम अथवा बिल्कुल नहीं होता है।“
उदाहरण:- शुद्ध जर्मीनियम (Ge), शुद्ध सिलिकॉन(Si)

बाह्य अर्धचालक (Extrinsic Semiconductor)
जब आवर्त सारणी के 4th वर्ग के किसी तत्व (germanium, silicon etc) में 3rd वर्ग के किसी तत्व (aluminium, gallium etc) अथवा 5th वर्ग के किसी तत्व (phosphorus, arsenic, etc) को अशुद्धि (अपद्रव्य) के रूप में मिलाते हैं तो प्राप्त मिश्रित crystal “बाह्य अर्धचालक (Extrinsic Semiconductor)“ कहलाता है।
अशुद्धि मिलाने से इनकी उपयोगिता बहुत बढ़ जाती है।
बाह्य अर्धचालक (Extrinsic Semiconductor) दो प्रकार के होते हैं
1)- p-type semiconductor
2)- n-type semiconductor
p-type semiconductor में 3rd वर्ग के तत्व को अपद्रव्य के रूप में मिलाया जाता है।
n-type semiconductor में 5th वर्ग के तत्व को अपद्रव्य के रूप में मिलाया जाता है।
p-n junction diode
जब शुद्ध Germanium अथवा Silicon crystal के एक तरफ से 3rd वर्ग के तत्व को तथा दूसरी ओर से 5th वर्ग के तत्व को अपद्रव्य के रूप में मिलाया जाता है, तो ऐसे में एक सिरा p-type तथा दूसरा सिरा n-type बनता है।
इस पूरे समायोजन(system) को “p-n junction diode” कहते हैं।
Symbol of p-n junction diode :-

Real image of Diode :-

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