tools and accessories – नमस्कार दोस्तो, आज के इस पोस्ट में हम इलेक्ट्रिकल ब्रांच 6 सेमस्टर के सब्जेक्ट IMRE के पहले चैप्टर ( Tools and accessories) के सभी टॉपिक को विस्तार से और बिल्कुल आसान शब्दो मे समझेंगे।

Chapter-1 Tools and accessories ( औजार एवं सहायक उपकरण )
नए Syllabus के अनुसार निम्न टॉपिक आपको पढ़ने होंगे।
- Tools
- Accessories and instrument required for installation, maintenance and repair work
- Knowledge of indian electricity rules
- Safety codes
- Causes and prevention of accidents
- Artificial respiration of an electrocuted person
- Workmen’s safety devices
सबसे पहले यह समझते है कि अनुरक्षण (Maintenance) क्या है?
“विद्युत मशीन या उपकरण को चालन स्थिति में बनाये रखने के लिए (ताकि वह पूरे दक्षता व क्षमता के साथ प्रयोग किया जा सके) जो कार्य किया जाता है उसे अनुरक्षण कहते है”
Maintenance के द्वारा उपकरण को हानि व क्षतिग्रस्त होने से बचाया जाता है वैद्युत अनुरक्षण में कई प्रकार के औजार और उपयंत्रो का प्रयोग किया जाता है।
1.)Tools (औजार)
वे युक्तियां जो किसी कार्य को करने में सुविधा ,आसानी प्रदान करते है tools कहे जाते है।
जैसे- हथौड़ा एक प्रकार का tool है जो कि कील को ठोकने में सुविधा प्रदान करता है। tools के प्रकार के होते है। जैसे –
- काटने के औजार- चाकू, दराती, हंसिया आदि।
- चलाने वाले औजार- हथौड़ा आदि।
- मापक औजार- ruler, set square आदि।
- हस्त औजार- पेचकस, रिंच,पाइप सेट, पाइप रिंच , spanner, आदि।
दोस्तो आपने इलेक्ट्रिकल से सम्बंधित कोई न कोई कार्य जरूर किया होगा जिसमें आप टेस्टर, प्लायर्स आदि का प्रयोग करते होंगे।
कुछ इलेक्ट्रिकल tools इस प्रकार है।
- MULTIMETER
- VOLTAGE TESTER
- WIRE STRIPPERS
- CIRCUIT FINDER
- SCREWDRIVERS AND NUT DRIVERS
- PLIERS
- FISH TAPE
- HAMMER
- TORCH
दोस्तो इसी प्रकार बहुत सारे टूल्स होते जिनका प्रयोग किया जाता है। इन्ही टूल्स का प्रयोग installation , maintenance और Repair रिपेयर work में किया जाता है।
2.) Accessories and instrument required for installation, maintenance and repair work
Installation, maintenance और repair work में जिन उपकरणों व औज़ार की आवश्यकता होती है वो इस प्रकार है।
- Screw driver- स्क्रू ड्राइवर एक ऐसा टूल है जिसकी सहायता से स्क्रू को कसने या ढीला करने के कार्य किया जाता है। इसे पेचकस भी कहते है। एक पेचकस में एक हैण्डल और एक शाफ़्ट होता है और यह एक टिप के साथ समाप्त होता है। इसका शाफ़्ट कार्बन स्टील का बना होता है इसका हैंडल कठोर लकड़ी या प्लास्टिक का होता है।

- Pliers- यह हाथ से चलने वाला टूल है इसे प्लास भी कहा जाता है इसकी सहायता से तार को काटना, छीलना व मोड़ना का कार्य किया जाता है। इसकी सहायता से छोटे छोटे जॉब को भी पकड़ा जा सकता है।

यह कास्ट स्टील या कार्बन स्टील का बनाया जाता है। इसके तीन भाग होते है जबड़ा, हैंडल , रिवेट। प्लायर्स भी अपने कार्य के अनुसार के प्रकार के होते है जैसे- लांग नोज प्लायर,स्लिप ज्वाइंट प्लायर,साइड कटिंग प्लायर,डायगनल प्लायर आदि।
- Spanner- नट बोल्ट को कसने के लिए जिस टूल का प्रयोग किया जाता है उसे spanner कहते है। स्पैनर में एक सिरे या दोनों सिरे पर जबड़े होते हैं। एक सिरे वाले जबड़े को single ended spanner कहते है। और यह जबड़े रिंग के समान खुले हुए होते हैं। इसके रिंग वाले भाग को उपयुक्त नट, या बोल्ट में लगाया जाता है। और दूसरे सिरे पर हाथ द्वारा बल लगाकर क्लॉकवाइज या एंटीक्लॉकवाइज घुमाया जाता है। स्पैनर वेनेडियम स्टील पदार्थ का बनाया जाता है।

- Fitter Vice(वाईस)- आप लोगो ने वर्कशाप में vice जरूर देखा होगा, वर्कशाप में जॉब को पकड़ने के लिए जो साधन प्रयोग किये जाते है उसे vice कहा जाता है। vice के द्वारा स्क्रैपिंग,मशीनिंग आदि प्रक्रियाए की जाती है। vice जॉब जो एक ही स्थान पर जकड़कर रखता है जिससे जॉब पर हम कार्य कर सकते है।

Hammer( हथौड़ा)- बड़ी बड़ी कील को ठोकने के लिए ,धातु को पीटने के लिए,मोड़ने के लिए hammer का प्रयोग किया जाता है।
Electric tester(टेस्टर)- यह ऐसा टूल है जो किसी सर्किट में विद्युत धारा की उपस्थिति का पता लगाता है यह एक तरफ से फेज वायर से जुड़ा होता है और न्यूट्रल हमारी बॉडी से लेता है।
Poker- वह नोकदार औजार जो लकड़ी पर पेंचों के लिए छेद करने का कार्य करता है पोकर कहलाता है।
Drill machine- इसका प्रयोग कठोर से कठोर धातुओ के अंदर छेद करने के के लिए जाता है।
Wire guage(वायर गेज)- यह स्टील की बनी एक डिस्क होती है इसके परिधि पर कई आकार के खांचे बने होते है इन पर जीरो से 36 अंक अंकित होते है। मोटर वाइंडिंग में प्रयोग होने वाले तारो के गेज को नापने के लिए तारो के प्रत्येक खांचे में घुसा कर देखते है जिस नंबर लर वह तार सही से प्रवेश करता है उस खांचे का नंबर तार का गेज होता है।
Multimeter(मल्टीमीटर)- यह एक ऐसा उपकरण है जो कई भौतिक राशि( धारा,वोल्टता ,प्रतिरोध) आदि को मापने के काम आता है। यह एनालॉग व डिजिटल दोनो हो सकता है।
Meggar- यह एक प्रकार का high रेसिस्टेंस मापने के यंत्र है। इसका प्रयोग 1 मेगा ओम से अधिक प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग इंसुलेशन टेस्ट के लिए भी किया जाता है।
LCR meter- इसका प्रयोग किसी component का inductance, capacitance, और रेसिस्टेंट ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
Ohmmeter( ओम मीटर)- यह किसी component का प्रतिरोध मापता है।
Voltmeter- यह दो बिन्दुओ के मध्य विभवांतर को मापता है।
Wattmeter(वाटमीटर)- यह किसी सर्किट में पावर को मापता है।
आवृत्ति मीटर-यह धारा की आवृत्ति को मापता है।
इसके अलावा भी installation , maintenance और रिपेयर work में निम् Equipment की आवश्यकता होती है।
- सर्किट ब्रेकर,
- ट्रांसफॉर्मर
- पैनल बोर्ड
- केबलिंग
- Switches
- कॉन्टैक्टर्स
- Enclosures
- Relays and etc.
मुझे उम्मीद है दोस्तो आपको ये पोस्ट पसन्द आया होगा।
IMRE – की video Lecture देखने के लिए यहाँ पर click करें ।