Types of Electric Heating – नमस्कार दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम ये जानेंगे कि हीटिंग की  कौन-कौन सी विधियां(method) है। साथ ही इन विधियों को विस्तार से समझेंगे। इससे पहले वाले post मे हमने समझा था कि Electric Heating क्या होता है ?

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Types of Electric Heating

Electric Heating Methods ( तापन विधियाँ )

तापन विधियों को समझने से पहले हमें ये समझना होगा कि हम ताप को उत्पन्न कैसे करते है।जब एक resistive material के through ,विद्युत धारा को प्रवाहित किया जाता है तो I2R हानि (loss) के कारण हीट(heat) उत्पन्न होता है।

Different types of Electric Heating ( विद्धुत तापन की सभी विधियाँ )

  • Resistance Heating ( प्रतिरोध तापन )
  • Induction Heating ( प्रेरण तापन )
  • Electric Arc Heating ( विद्युत आर्क तापन )
  • Dielectric Heating ( परावैद्युत तापन )
  • Infrared Heating( अवरक्ततापन )
  • Microwave Heating( सूक्ष्म तरंग तापन )

Resistance Heating ( प्रतिरोध तापन )

दोस्तो हम जानते है,विद्युत उर्जा का उपयोग किसी उपकरण में सीधे तौर पर नहीं कर सकते है। विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा या उष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करके उसे प्रयोग किया जाता है। प्रतिरोध तापन विधि विद्युत ऊर्जा को ताप  में बदलने की एक विधि है।

जब किसी प्रतिरोध R से होकर I धारा प्रवाहित होती है तो उसमें प्रति सेकंड I2R जूल ऊष्मा उत्पन्न होता है।

प्रतिरोध तापन की दो विधियां है।

  1. प्रत्यक्ष तापन विधि ( Direct Resistance Heating )
  2. अप्रत्यक्ष तापन विधि ( Indirect Resistance Heating )

प्रत्यक्ष तापन विधि(Direct Resistance Heating)

जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि इस विधि में जिस भी पदार्थ को गर्म करना होता है उसे direct ताप के संपर्क में ले जाते है। (जिसे भी पिघलाना या गर्म करना होता है उसे charge कहा जाता है)।charge का प्रतिरोध उच्च होना चाहिए।

 यह विधि I2R Effect पर आधारित होता है।

सरंचना-

इस विधि में दो इलेक्ट्रोड होता है और जिस पदार्थ को गर्म करना होता है उस पदार्थ में इलेक्ट्रोड डूबा रहता है।

जिसे गर्म करना होता है वह powder, pieces, अथवा liquid के रूप में होता है। इलेक्ट्रोड को AC अथवा DC सप्लाई से कनेक्ट किया जाता है। 1φ AC या DC के लिए दो इलेक्ट्रोड की जरूरत होती है, 3-φsupply के लिए तीन इलेक्ट्रोड की जरूरत होती है। पूरे संयोजन को electrode boiler अथवा furnace(भट्ठी) कहा जाता है। क्योकि इसका प्रयोग पानी गर्म करने में भी किया जाता है।

कार्यविधि-

जब इलेक्ट्रोड के माध्यम से सप्लाई दिया जाता है तो  charge का प्रतिरोध उच्च होने के कारण,जूल के नियम से heat उत्पन्न होता है।charge में ही उष्मा उत्पन्न होता है और पदार्थ गर्म हो जाता है  इस विधि में दक्षता उच्च होता है क्योकि charge में ही उष्मा उत्पन्न होता है।

आप समझ सकते है की इसमे current , varibale नही है इसलिए इस विधि से उत्पन्न ताप को कंट्रोल नही किया जा सकता है।

लाभ-

(1) इसकी दक्षता उच्च होती है।

(2) इसका ताप उच्च और uniform होता है।

 अनुप्रयोग-

इस विधि का प्रयोग salt bath furnace , electrode boiler और water heater आदि में होता है।

अप्रत्यक्ष तापन विधि ( Indirect Resistance Heating )

जैसा कि नाम से पता चल रहा है इस विधि में जिस पदार्थ को गर्म करना होता है वह पदार्थ direct ताप के संपर्क में नही आता है। इसलिए इसे अप्रत्यक्ष प्रतिरोध तापन विधि कहते है।

दोस्तो आपने पिछली कक्षाओं में पढा होगा कि Heat ( ताप ) के transfer की तीन विधियां होती है – चालन,संवहन, विकिरण।

तापन के इस विधि में पदार्थ ( जिसे गर्म करना होता है ) चालन, संवहन व विकिरण द्वारा गर्म होता है। इस विधि में ताप को उत्पन्न करने के लिए एक उच्च प्रतिरोध हीटिंग element (Platinum, Tantalum etc)का प्रयोग किया जाता है,उसमें विद्युत धारा प्रवाहित करके हीट (ताप) उत्पन्न किया जाता है।  हीटिंग element का प्रतिरोध कार्य के हिसाब से कम या ज्यादा होता है। जब विद्युत धारा को उच्च प्रतिरोध से गुजारा जाता है , तो इससे I2R हानि (loss) उत्पन्न होता है। यही I2R उत्पन्न उष्मा होता है।

सरंचना –

इसमे एक चैम्बर होता है यह चैम्बर थर्मल इन्सुलेशन से घिरा होता है, ताकि बाहर के वातावरण से कोई प्रभाव न पड़े। इस चैम्बर में Resistive हीटिंग element होता है, जिसका प्रतिरोध उच्च होता है। जिस पदार्थ को गर्म करना होता है वह direct, हीटिंग element के संपर्क में नही होता है। गर्म किया जाने वाला पदार्थ heat transfer method से गर्म होता है।

कार्यविधि-

जब तार की सहायता से प्रतिरोध में धारा को प्रवाहित किया जाता है तो जूल के नियम से उसमे I2R हानि(लॉस) होता है। जिससे उष्मा उत्पन्न होता है। उष्मा की वजह से चैम्बर गर्म हो जाता है और heat ट्रांसफर विधि से बगल में रखा पदार्थ या charge भी गर्म हो जाता है।

दोस्तो अब आपके मन मे एक सवाल होगा कि उच्च प्रतिरोध के लिए किस पदार्थ का प्रयोग होता है , तो चलिए आपको बताते है।

Material For Heating Elements –

  • नाइक्रोम (Ni+Cr) का प्रयोग होता है जो कि 1150℃ ताप को सहन कर सकता है।
  • निकिल क्रोमियम आयरन का प्रयोग होता है जो कि 950℃ ताप को सहन कर सकता है।
  • निकिल कॉपर का प्रयोग होता है जो कि 400℃ ताप को सहन कर सकता है ।

दोस्तो अब बात करते है , इलेक्ट्रिक हीट उत्पन्न करने के लिए किस Equipment की जरूरत होती है।

Equipment for Generating Electric Heat

विद्युत ताप को उत्पन्न करने के लिए उपकरण इस प्रकार है।

  • इलैक्ट्रिक भट्टी
  • इलैक्ट्रिक supply
  • Electric control and protection circuit

अनुप्रयोग –

  • Small oven (छोटी भठ्ठीयां ) इनका ताप 300℃ होता है। इसका प्रयोग coating को ड्राई करने के लिए
  • धातुओ को पिघलाने के लिए ,उनके अनीलिकरण के लिए।
  • Cremation के लिए।

मुझे उम्मीद है दोस्तो आपको समझ मे आ गया होगा कि हीटिंग की कितनी विधियां है , और प्रतिरोध तापन विधि क्या है। अगर आपके न समझ मे आया हो अथवा कोई कंफ्यूशन हो तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है।

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