types of insulators used in overhead lines
अभी तक आप लोगो ने इंसुलेटर के बारे में यही जाना है कि , इंसुलेटर एक विधुत रोधी पदार्थ है , इसमें करंट फ्लो नहीं हो सकती है ?
लेकिन अब आपको इंसुलेटर के बारे में विस्तार से अध्ययन करना होगा। इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन ,डिस्ट्रीब्यूशन और यूटिलाइजेशन में इंसुलेटर का बहुत प्रयोग किया जाता है ,
” इंसुलेशन – यह एक अच्छे विधुत रोधन पदार्थ से निर्मित विधुत युक्ति है जिसका प्रयोग विधुत चालकीय पदार्थों के विधुत प्रवाह को रोकने के लिए अथवा चालक तथा पृथ्वी के बीच वैधुत क्षय को रोकने के लिए किया जाता है।”
USE – ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइन में इंसुलेटर का प्रयोग चालकों को support ( खम्भें ) से Isolate करने के लिए किया जाता है।
नोट -: देखो यहाँ पर बताया गया है की इंसुलेटर का प्रयोग सपोर्ट ( Support ) को कंडक्टर से अलग करने के लिए किया जाता है , ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि पॉवर loss न हो ,अगर कंडक्टर की पॉवर सपोर्ट से कनेक्ट होगा तो सारी एनर्जी Earth ( पृथ्वी ) के संपर्क में आ जाएगी और हमें पता है की धरातल एक Capacitor की भाँति होता है तो भूतल सारी एनर्जी स्टोर कर लेगा।
Properties of Insulator
एक अच्छे इंसुलेटर के गुण निम्न है –
1) Highly Mechanical Strength because total load of Conductor,Ice load,air load is Manage insulator
एक अच्छे इंसुलेटर का मैकेनिकल Strength बहुत अधिक होनी चाहिए क्योंकि उसे कंडक्टर का भार , बर्फ का भार और हवा का भार सहना होना है।
2) Di-Electric Strength high होना चाहिए।
3) Insulating Resistance उच्च होना चाहिए ताकि करंट leakage कम से कम हो।
4) Relative Permeability अधिक होनी चाहिए , ताकि विषम जलवायु स्थितयों ( Climate Conditions ) के अंतर्गत वोल्टता भंजन ( Voltage Breakdown ) को रोक सके।
5) Internal Impurities Minimum होनी चाहिए।
6) छिद्र रहित ( Pores-Less ) होना चाहिए। अर्थात समांगी तथा चिकना होना चाहिए।
7) सस्ता भी होना चाहिए।
8) सुगमता से उपलब्ध होना चाहिए।
9) ( Puncture Strength ) तथा Flash Over Voltage का अनुपात , अर्थात safty factor उच्च होना चाहिए।